चिकित्सा विभाग की नई पहल, अब जल्द ही मरीजों को अस्पतालों में लाइन लगाने से मिलेगी मुक्ति
बीमा पॉलिसी बेचते समय कंपनियां बड़े-बड़े वादे और दावे करती हैं, लेकिन जब दावों की बात आती है, तो वे नए बहाने खोजने लगती हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई, जिसमें बताया गया कि करीब 42 फीसदी पॉलिसीधारकों को इलाज के बाद क्लेम मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, खास तौर पर स्वास्थ्य बीमा मामलों में। 42 फीसदी का आंकड़ा काफी ज्यादा है और इसे गंभीरता से लेते हुए बीमा नियामक IRDAI ने कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है।
IRDAI ने मास्टर प्लान जारी कर बीमा कंपनियों से साफ शब्दों में कहा है कि इस काम में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए और 31 जुलाई तक हर हाल में यह सुविधा लागू हो जानी चाहिए। माना जा रहा है कि 1 अगस्त 2024 से सभी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। कैशलेस क्लेम का मतलब है कि पॉलिसी शर्तों में बताए गए इलाज का पूरा खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। अभी कई मामलों में कंपनियां बाद में रिइम्बर्समेंट मांगती हैं, जिससे पॉलिसीधारकों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है और क्लेम में देरी होती है।
हर अस्पताल में स्वास्थ्य बीमा धारकों के लिए हेल्प डेस्क होगी बीमा नियामक IRDAI ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने सर्कल के सभी अस्पतालों में एक फिजिकल...