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शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में तनाव, भारतीय मिशन पर हमला और देशभर में हिंसक प्रदर्शन

बांग्लादेश में शुक्रवार को शेख हसीना विरोधी नेता और इंकलाब मंच से जुड़े शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में तनाव फैल गया। राजधानी ढाका सहित कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। हालांकि शुक्रवार सुबह किसी बड़ी हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली, लेकिन प्रदर्शनकारियों को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास 32 धनमंडी में पहले से क्षतिग्रस्त इमारत के अंदर और आसपास तोड़फोड़ करते देखा गया।

हादी की मौत की पुष्टि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार रात राष्ट्र के नाम टेलीविजन संबोधन में की थी। इसके तुरंत बाद हालात बिगड़ने लगे और देश के कई शहरों में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देर रात हिंसा में बदल गया, जिसका असर सरकारी संस्थानों, मीडिया दफ्तरों और विदेशी मिशनों तक पर देखने को मिला।

इंडियन हाई कमिश्नर के घर पर हमला

गुरुवार देर रात चटगांव में असिस्टेंट इंडियन हाई कमि Read more...

इस्लामाबाद धमाका: डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर फिदायीन हमला — 12 की मौत, 27 घायल

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर हुए भीषण धमाके ने देश को झकझोर दिया है। प्रारम्भिक खबरों के मुताबिक़ इस फिदायीन हमले में 12 लोगों की मौत हुई है और 27 अन्य घायल हैं। सुरक्षा बलों और रेस्क्यू टीमों ने घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया है जबकि खराब हालत वाले कुछ घायलों का इलाज चल रहा है।

घटना के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना के वरिष्ठ नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस धमाके को देश के लिए एक स्पष्ट “वेक अप कॉल” करार देते हुए कहा कि फिलहाल पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है। उनके अनुसार यह हमला केवल एकल घटना नहीं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ चल रहे हिंसक अभियान का हिस्सा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा, “जो कोई भी यह सोचता है कि हमारी सेना सीमांत क्षेत्रों में यह जंग अकेले लड़ रही है, उसे आज के आत्मघाती हमले को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। यह पूरा पाकिस्तान है जो इस च Read more...

'तो बच जाती दीपू की जान', जिंदा जलाए गए हिन्‍दू युवक पर यूनुस की पुलिस ने पहले कबूला सच, फिर झाड़ा पल्‍ला

जब समाज में अफवाहें विवेक पर हावी हो जाती हैं और उन्मादी भीड़ कानून को अपने हाथ में ले लेती है, तो परिणाम न्याय नहीं बल्कि एक वीभत्स नरसंहार होता है। बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के भालुका से आई दीपू चंद्र दास की हत्या की खबर इसी कड़वी हकीकत का गवाह है। 'ईशनिंदा' के एक निराधार आरोप ने न केवल एक निर्दोष की जान ली, बल्कि इंसानियत के माथे पर भी कलंक लगा दिया।

साजिश, अफवाह और मौत का खूनी खेल

यह खौफनाक मंजर गुरुवार शाम करीब 5:00 बजे 'पायनियर निटवेयर्स लिमिटेड' फैक्ट्री में शुरू हुआ। दीपू चंद्र दास, जो इसी गारमेंट फैक्ट्री में एक साधारण कर्मचारी था, उस पर कुछ सहकर्मियों ने सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप मढ़ दिया।

भीड़ का उन्माद इतनी तेजी से फैला कि किसी ने तथ्यों की जांच करना जरूरी नहीं समझा। हालांकि, घटना के बाद RAB-14 के कमांडर मोहम्मद शमसुज्जमां ने स्पष्ट किया कि दीपू के फेसबुक प्रोफाइल की गहन जांच में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो आपत्तिजनक Read more...

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