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अरुणाचल की मूल निवासी भारतीय महिला को चीन में रोका, पासपोर्ट को बताया 'अवैध' — 18 घंटे हिरासत में रखा

चीन के शंघाई एयरपोर्ट पर एक भारतीय मूल की ब्रिटेन निवासी महिला के साथ हुई बदसलूकी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई बहस छेड़ दी है। अरुणाचल प्रदेश मूल की पीमा वांगजॉम थोंगडोक ने आरोप लगाया है कि इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को सिर्फ इसलिए ‘अवैध’ बताया क्योंकि उसमें जन्मस्थान के रूप में अरुणाचल प्रदेश दर्ज था। महिला के अनुसार, उन्हें करीब 18 घंटे तक हिरासत में रखा गया और लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।

पासपोर्ट देखकर कहा—‘यह अवैध है’

पीमा 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं। उनकी उड़ान का शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर तीन घंटे का ट्रांजिट था। लेकिन इमिग्रेशन काउंटर पर अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट देखते ही सवाल उठाना शुरू कर दिया।
पीमा के मुताबिक, अधिकारियों ने साफ कहा—“यह पासपोर्ट मान्य नहीं है क्योंकि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।” पीमा ने जब कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि ऐसे पासपोर्ट को चीन स् Read more...

इस्लामाबाद धमाका: डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर फिदायीन हमला — 12 की मौत, 27 घायल

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के बाहर हुए भीषण धमाके ने देश को झकझोर दिया है। प्रारम्भिक खबरों के मुताबिक़ इस फिदायीन हमले में 12 लोगों की मौत हुई है और 27 अन्य घायल हैं। सुरक्षा बलों और रेस्क्यू टीमों ने घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया है जबकि खराब हालत वाले कुछ घायलों का इलाज चल रहा है।

घटना के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना के वरिष्ठ नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस धमाके को देश के लिए एक स्पष्ट “वेक अप कॉल” करार देते हुए कहा कि फिलहाल पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है। उनके अनुसार यह हमला केवल एकल घटना नहीं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ चल रहे हिंसक अभियान का हिस्सा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा, “जो कोई भी यह सोचता है कि हमारी सेना सीमांत क्षेत्रों में यह जंग अकेले लड़ रही है, उसे आज के आत्मघाती हमले को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। यह पूरा पाकिस्तान है जो इस च Read more...

ट्रंप के करीबी को 27 साल की जेल, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर तय हुआ यह आरोप

ब्रासीलिया: ब्राजील की राजनीति में एक बड़ा भूचाल लाते हुए, देश की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में 27 साल जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला बोल्सोनारो के राजनीतिक करियर के लिए एक निर्णायक झटका है।

सुप्रीम कोर्ट ने बोल्सोनारो को साल 2022 में उनके उत्तराधिकारी, वर्तमान राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा को अपदस्थ करने की साजिश रचने का दोषी पाया था। बोल्सोनारो, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं, पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने और सत्ता पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश का आरोप था।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान, जज मोरेस ने इस सजा को अंतिम घोषित कर दिया। यह इसलिए हुआ क्योंकि बोल्सोनारो के बचाव पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ अंतिम अपील दायर न करने का अप्रत्याशित निर्णय लिया। बचाव पक्ष के इस कदम से आगे किसी भी कानूनी अपील का रास्ता बंद हो गया है, जिससे 27 साल की पूरी सजा बरकरार रहेगी।

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