गुरु नानक जयंती के मौके पर भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के बीच हलचल मच गई है। साल की शुरुआत से सोने की कीमतों में लगभग 60% की रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने के बाद, दिवाली के बाद से ही इन कीमती धातुओं में बड़ी गिरावट का दौर जारी है।
सोने की कीमतों में गिरावट का ब्यौरा
बुधवार, 5 नवंबर को भारत में 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई।
| कैरेट |
कीमत में गिरावट (प्रति ग्राम) |
नई कीमत (प्रति ग्राम) |
| 24 कैरेट |
- |
₹12,148 |
| 22 कैरेट |
लगभग ₹90 |
₹11,135 |
| 18 कैरेट |
लगभग ₹73 |
₹9,111 |
24 कैरेट सोने की कीमत गिरकर ₹12,148 प्रति ग्राम पर आ गई, जो निवेशकों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या यह जल्द ही ₹1.2 लाख प्रति ग्राम के स्तर से नीचे आ सकता है।
चांदी भी फिसली
सोने के रुख के अनुरूप, बुधवार को भारत में चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। चांदी की कीमत गिरकर ₹150.5 प्रति ग्राम या ₹1,50,500 प्रति किलोग्राम पर आ गई। साल की शुरुआत में चांदी में भी जबरदस्त तेजी देखी गई थी, लेकिन अब यह भी गिरावट के दौर में है।
क्या सोने का भाव ₹1 लाख से नीचे आएगा?
सोने की कीमतों में अचानक आई इस गिरावट ने निवेशकों के मन में यह सवाल पैदा कर दिया है कि क्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब सोने का भाव ₹1 लाख प्रति ग्राम के स्तर से नीचे आ सकता है।
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निवेशकों की उम्मीद: निवेशकों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट आ सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस कीमती धातु के रिकॉर्ड ₹1 लाख के स्तर से नीचे गिरने की संभावना कम है।
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विशेषज्ञों की राय: एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर व्यापार कूटनीति से जुड़े सकारात्मक घटनाक्रमों से मदद मिलती है, तो आने वाले दिनों में सोने की कीमतें ₹1,24,873 प्रति ग्राम से नीचे आ सकती हैं।
वैश्विक कूटनीति पर निर्भर है भविष्य की चाल
सोने की कीमतों की दिशा अब काफी हद तक वैश्विक व्यापार वार्ता पर निर्भर करती है। विश्लेषकों का मानना है कि:
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सकारात्मक व्यापार वार्ता: व्यापार वार्ता में एक निर्णायक सफलता, खासकर अगर अमेरिका चीन और भारत के साथ विश्वसनीय समझौते करता है, तो जोखिम से बचने की प्रवृत्ति कम हो सकती है, जिससे अमेरिकी डॉलर मजबूत होगा और सोने की अपील कम होगी।
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सीमित वृद्धि के संकेत: विश्लेषकों ने यह भी चेतावनी दी है कि अल्पावधि में सोने की 'अधिक खरीदारी' (Overbought) हो सकती है, जो नए उत्प्रेरकों के बिना इसकी वृद्धि को सीमित कर सकती है।
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अनिश्चितता का खतरा: अगर व्यापार वार्ता विफल होती है या वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। सोने के $1,409.96 से ऊपर जाने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि व्यापार कूटनीति कैसे आगे बढ़ती है और फेडरल रिजर्व बदलते आर्थिक संकेतों पर कैसे प्रतिक्रिया देता है।
निवेशक गुरुवार, 6 नवंबर को कारोबार शुरू होते ही बाजार की नई दिशा के संकेतों के लिए सोने और चांदी की कीमतों की चाल पर पैनी नजर रखे हुए हैं।