दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास चलती कार में हुए भीषण धमाके के तार अब सीधे पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठनों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इस विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी थी।
शुरुआत में इसे सामान्य ब्लास्ट माना गया था, लेकिन विस्फोट की तीव्रता—जिसमें 30 से अधिक गाड़ियां खाक हो गईं और लोग दूर तक हताहत हुए—ने आईईडी या उच्च-विस्फोटक सामग्री के प्रयोग का संदेह पैदा किया।
🇵🇰 जैश-ए-मोहम्मद का कनेक्शन
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस और जांच एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिए गए संदिग्धों, जिनमें फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल भी शामिल है, से पूछताछ में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है।
एजेंसियों का मानना है कि डॉ. मुजम्मिल के तार पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed - JeM) से जुड़े हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मुजम्मिल पाकिस्तान के एक प्रमुख आतंकी मास्टरमाइंड मौऊद्दिन औरंगजेब आलम उर्फ अम्मार अल्वी के संपर्क में था।
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अम्मार अल्वी: यह व्यक्ति जैश-ए-मोहम्मद का एक सीनियर कमांडर है और भारत में कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा है।
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निशाना: पता चला है कि अम्मार अल्वी के निशाने पर भारत के कई बड़े शहर थे और इन हमलों को अंजाम देने के लिए पुरानी गाड़ियों का इस्तेमाल करने की योजना थी।
कार चलाने वाले डॉ. उमर की पहचान भी डॉक्टर के रूप में हुई है, और फरीदाबाद से कई अन्य डॉक्टर भी हिरासत में लिए गए हैं। यह सब मिलकर दिल्ली में एक उच्च-शिक्षित और संगठित आतंकी मॉड्यूल की ओर इशारा करता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर केवल बैठकें करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर पाकिस्तान इस हमले के लिए जिम्मेदार है, तो सरकार को देरी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि "पूरा देश भारत सरकार के साथ है" यदि वह सीमा पार कार्रवाई करती है।
एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब इन आतंकी लिंक्स की गहराई से जांच कर रही हैं ताकि इस मॉड्यूल की पूरी श्रृंखला और इसके पीछे के पाकिस्तानी आकाओं का पर्दाफाश किया जा सके।