मुंबई, 6 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) हॉलीवुड अभिनेत्री और लाइफस्टाइल ब्रांड गोओप (Goop) की संस्थापक ग्वेनेथ पाल्ट्रो (Gwyneth Paltrow) ने हाल ही में अपने मेनोपॉज के अनुभव को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। पाल्ट्रो ने बताया कि अत्यधिक शराब का सेवन उनकी इस अवस्था से जुड़ी परेशानियों को "पूरी तरह से बेकाबू" कर रहा था। ऑस्कर विजेता अभिनेत्री ने मेनोपॉज विशेषज्ञ डॉ. मैरी क्लेयर हेवर से बात करते हुए इस बात को स्वीकार किया और बताया कि कैसे शराब छोड़ने से उनके लक्षणों में सुधार हुआ।
पाल्ट्रो का अनुभव और विशेषज्ञ की सहमति
पाल्ट्रो ने खुलासा किया कि लॉस एंजिल्स के जंगल में लगी आग के दौरान तनाव से निपटने के लिए वह लगभग हर रात शराब पीती थीं। उन्होंने स्वीकार किया, "मेरे लक्षण पूरी तरह से बेकाबू हो गए थे। यह पहली बार था जब मैंने इस तरह से सीधा कारण और प्रभाव देखा।" मेनोपॉज विशेषज्ञ डॉ. हेवर ने भी इस बात पर सहमति जताई कि उनकी कई मरीज़ों ने शराब कम करने या पूरी तरह छोड़ने के बाद अपने लक्षणों में सुधार महसूस किया है, क्योंकि शराब मेनोपॉज के लक्षणों को बढ़ाती है।
चिकित्सा विज्ञान क्या कहता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि शराब और मेनोपॉज के लक्षणों के बीच गहरा संबंध है। चंडीगढ़ के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. रितंभरा भल्ला ने पुष्टि की कि यह लिंक चिकित्सीय शोध में अच्छी तरह से दर्ज है। डॉ. भल्ला बताती हैं, "शराब हॉट फ्लैशेस (Hot Flashes) और नींद की गड़बड़ी से लेकर मिजाज में बदलाव (Mood Swings) और मेटाबॉलिक परिवर्तनों तक कई मेनोपॉज़ल लक्षणों को बढ़ा देती है।"
शराब कैसे बढ़ाती है मेनोपॉज के लक्षण?
विशेषज्ञों के अनुसार, शराब निम्नलिखित छह तरीकों से मेनोपॉज के लक्षणों को बदतर बनाती है:
हॉट फ्लैशेस और रात को पसीना: मेनोपॉज में एस्ट्रोजन का स्तर गिरने से शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। शराब, खासकर वाइन और स्प्रिट्स, रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर देती है, जिससे शरीर की गर्मी बढ़ती है और हॉट फ्लैशेस की आवृत्ति (frequency) और तीव्रता बढ़ जाती है।
नींद में बाधा: जबकि शराब पीने के बाद तुरंत नींद आ सकती है, लेकिन यह आरईएम (REM) चक्रों में हस्तक्षेप करके आखिरकार नींद को बाधित करती है, जिससे नींद खंडित होती है। मेनोपॉज में पहले से ही नींद की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी बिगड़ जाती है।
मूड में बदलाव और चिंता: एस्ट्रोजन हार्मोन सेरोटोनिन और डोपामाइन को विनियमित करके मूड को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शराब इन न्यूरोट्रांसमीटरों को बाधित करती है, जिससे चिंता, मिजाज में बदलाव और यहाँ तक कि अवसाद (Depression) भी बढ़ सकता है।
मेटाबॉलिज्म और वज़न: मेनोपॉज स्वाभाविक रूप से मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। खाली कैलोरी से भरपूर शराब पेट के आसपास वज़न बढ़ाने में योगदान करती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) को भी प्रभावित करती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
हड्डी का स्वास्थ्य (ऑस्टियोपोरोसिस): एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट के कारण, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) का खतरा पहले से ही अधिक होता है। शराब हड्डियों के नुकसान को और तेज कर सकती है और फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
हृदय स्वास्थ्य: एस्ट्रोजन हृदय को सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इसके कम होने से महिलाएँ हृदय रोग के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। शराब ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है, जिससे हृदय संबंधी जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. भल्ला सलाह देती हैं कि सभी महिलाओं के लिए पूर्ण रूप से परहेज आवश्यक नहीं है, लेकिन संयम (Moderation) बरतना महत्वपूर्ण है। "प्रति सप्ताह एक ड्रिंक से बड़ा नुकसान होने की संभावना नहीं है, लेकिन अत्यधिक या बार-बार सेवन मेनोपॉज के लक्षणों को तीव्र कर सकता है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।" गंभीर लक्षणों का अनुभव कर रही महिलाओं के लिए शराब का सेवन कम करना या पूरी तरह से बंद करना फायदेमंद हो सकता है। मेनोपॉज के दौरान बेहतर स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेशन, संतुलित आहार और चिकित्सा मार्गदर्शन को प्राथमिकता देना आवश्यक है।