ढाका: बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा और प्रतिशोध की ज्वाला में जल रहा है। जुलाई 2024 के विद्रोह के प्रमुख चेहरे और 'इंकलाब मंच' के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद पूरे देश में कोहराम मच गया है। पिछले हफ्ते अज्ञात हमलावरों द्वारा सिर में गोली मारे जाने के बाद, सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इस खबर ने ढाका समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर उतार दिया है, जहाँ भारी आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं।
हमला और सिंगापुर में इलाज का घटनाक्रम
12 दिसंबर 2025 को ढाका के पलटन इलाके में जब उस्मान हादी एक ऑटो-रिक्शा से चुनाव प्रचार कर रहे थे, तब मोटरसाइकिल सवार नकाबपोशों ने उनके सिर में गोली मार दी थी। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए 15 दिसंबर को उन्हें एयरलिफ्ट कर सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल (SGH) ले जाया गया।
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद, 18 दिसंबर की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मौत की खबर मिलते ही बांग्लादेश में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के युवा कार्यकर्ता और कट्टरपंथी गुट आक्रोशित हो उठे।
कौन थे शरीफ उस्मान हादी?
हादी महज एक छात्र नेता नहीं थे, बल्कि वे इंकलाब मंच के रणनीतिकार थे, जिसने शेख हसीना की सत्ता उखाड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
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पृष्ठभूमि: झालोकाठी जिले के एक धार्मिक परिवार में जन्मे हादी के पिता मदरसा शिक्षक थे। उन्होंने खुद मदरसा शिक्षा प्राप्त करने के बाद ढाका विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की।
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विवादास्पद रुख: हादी को अक्सर उनके कट्टरपंथी विचारों के लिए जाना जाता था। हाल ही में उन्होंने 'ग्रेटर बांग्लादेश' का एक नक्शा सोशल मीडिया पर जारी किया था, जिसमें भारत के कई पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया था। इस हरकत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक तनाव पैदा कर दिया था।
भारत के खिलाफ मार्च और हिंसा का तांडव
हादी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों का निशाना केवल अवामी लीग ही नहीं, बल्कि भारत भी बना है। ढाका में हजारों की भीड़ ने भारतीय उच्चायोग और अन्य राजनयिक परिसरों की ओर मार्च करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हादी पर हमले के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है। जगह-जगह अवामी लीग के नेताओं के घरों और दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया है। भीड़ ने मीडिया संस्थानों पर भी हमला किया, जिसमें कई पत्रकारों के घायल होने की खबर है।
राजकीय शोक और अंतरिम सरकार का वादा
मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हादी को "जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा" करार दिया। उन्होंने शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है, जिसके तहत सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। यूनुस ने वादा किया कि हादी के हत्यारों को पकड़कर कड़ी सजा दी जाएगी और उनके परिवार (पत्नी और बच्चे) की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
निष्कर्ष: अस्थिरता के मुहाने पर बांग्लादेश
फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों से ठीक पहले हादी की हत्या ने चुनावी माहौल को पूरी तरह अस्थिर कर दिया है। ढाका-8 संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ रहे हादी की कमी उनके समर्थकों को और अधिक उग्र बना रही है। वर्तमान में बांग्लादेश की सड़कों पर जो आक्रोश दिख रहा है, वह न केवल घरेलू शांति बल्कि दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है।