इतिहास के पन्नों में 30 अक्टूबर का दिन भारतीय और वैश्विक इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं, महान हस्तियों के जन्म और दुखद स्मृतियों के साथ दर्ज है। यह तारीख एक ओर जहां भारत के संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने जैसी गर्व की बात याद दिलाती है, वहीं दूसरी ओर असम में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की भयानक त्रासदी की गवाह भी है। 30 अक्टूबर का दिन समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती के निधन और परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा के जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है।
प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ (A Day of Milestones and Tragedies)
30 अक्टूबर को वैश्विक और राष्ट्रीय पटल पर कई बड़ी घटनाएं दर्ज हैं, जिनमें से कुछ ने दुनिया की दिशा बदल दी:
भारत का संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश (1945) 
30 अक्टूबर 1945 को भारत आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र (UN) का संस्थापक सदस्य बना। यह घटना उस समय हुई जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, लेकिन इस कदम ने अंतर्राष्ट्रीय शांति, समानता और मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति भारत के शुरुआती संकल्प को मजबूत किया। संयुक्त राष्ट्र औपचारिक रूप से 24 अक्टूबर 1945 को अस्तित्व में आया था, जिसके ठीक छह दिन बाद भारत ने यूएन चार्टर की पुष्टि कर दी।
असम में सिलसिलेवार बम धमाके (2008) 
30 अक्टूबर 2008 का दिन भारत के लिए एक दुखद त्रासदी लेकर आया। असम की राजधानी गुवाहाटी और 13 अन्य स्थानों पर एक के बाद एक कई शक्तिशाली और श्रेणिबद्ध बम धमाके हुए। इन धमाकों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों में 66 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि 400 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह दिन असम में आतंकवाद के एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है।
मोरबी पुल हादसा (2022) 
हाल ही के इतिहास में, 30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी शहर में एक केबल सस्पेंशन ब्रिज (पुल) गिर जाने से एक और भीषण त्रासदी हुई। इस हादसे में 137 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई थी, जिसने देश की सुरक्षा मानकों और बुनियादी ढांचे के रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े किए।
अन्य महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ:
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	1611: गुस्टॉफ द्वितीय एडोल्फ 17 साल की उम्र में स्वीडन का राजा बना। 
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	1922: बेनिटो मुसोलिनी ने इटली में अपनी सरकार बनाई, जो आगे चलकर फासीवाद के उदय का कारण बनी। 
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	1930: तुर्की और यूनान ने वर्षों के तनाव के बाद मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किए। 
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	1956: भारत का पहला पांच सितारा और आलीशान होटल, 'अशोक', दिल्ली में खुला। 
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	1960: ब्रिटेन में पहली बार सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट की गई। 
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	1973: तुर्की में यूरोप और एशिया को जोड़ने वाला प्रसिद्ध बॉस्पोरस ब्रिज बनकर तैयार हुआ। 
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	1974: विश्व के महानतम मुक्केबाजों में से एक मोहम्मद अली ने जॉर्ज फोरमैन को हराकर विश्व हैवीवेट बॉक्सिंग खिताब जीता। 
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	1975: स्पेन में किंग जुआन कारलोस ने सत्ता संभाली। 
प्रसिद्ध जन्मदिन (Births of Great Minds) 
30 अक्टूबर का दिन कई ऐसी विभूतियों के जन्म का साक्षी है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया:
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	होमी जहांगीर भाभा (1909): भारत के महान भौतिक शास्त्री, परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के संस्थापक निदेशक। भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने की नींव रखने में उनका योगदान अद्वितीय है। 
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	स्वामी दयानंद सरस्वती (1824 - 1883): भारतीय चिंतक और समाज सुधारक, जिन्होंने आर्य समाज की स्थापना की थी। 30 अक्टूबर को उनका निधन हुआ था, हालांकि उनके जन्म की तारीख को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन कई स्रोत उनके योगदान को इस दिन याद करते हैं। 
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	प्रमोद महाजन (1949): भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख नेता। 
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	अभिजीत भट्टाचार्य (1958): हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध और लोकप्रिय पार्श्व गायक। 
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	सुकुमार रे (1887): भारतीय उपमहाद्वीप के एक बंगाली लेखक, कवि और प्रसिद्ध उपन्यासकार, जिन्हें उनकी हास्य और बाल साहित्य रचनाओं के लिए जाना जाता है। 
प्रसिद्ध निधन (Deaths of Influential Figures) 
इस दिन कई महान और प्रभावशाली हस्तियों ने दुनिया को अलविदा कहा:
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	स्वामी दयानंद सरस्वती (1883): महान चिंतक और समाज सुधारक, जिन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई और 'वेदों की ओर लौटो' का नारा दिया। 
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	विनोद मेहरा (1990): भारतीय सिनेमा के मशहूर और लोकप्रिय अभिनेता। 
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	बेगम अख़्तर (1974): ठुमरी, दादरा और ग़ज़ल की प्रसिद्ध भारतीय गायिका, जिन्हें 'मल्लिका-ए-ग़ज़ल' के नाम से भी जाना जाता है। उनका संगीत आज भी भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। 
30 अक्टूबर का दिन इतिहास के आईने में झाँकने पर हमें एक साथ राष्ट्रीय गौरव, मानवीय त्रासदी, वैज्ञानिक क्रांति और सांस्कृतिक विरासत के कई रंग दिखाता है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे एक ही तारीख इतनी विविध और महत्वपूर्ण घटनाओं को समेटे हुए है।