प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूटान दौरे का आज आखिरी दिन है। यह दौरा भारत और भूटान के बीच गहरे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर केंद्रित रहा। इस दौरान पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लिया और द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
कालचक्र सशक्तिकरण समारोह का उद्घाटन
अपने दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने सबसे पहले भूटान के चौथे और पूर्व राजा, ड्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंगे वांगचुक से मुलाकात की। इसके बाद, उन्होंने थिम्पू में कालचक्र सशक्तिकरण समारोह का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह आयोजन भूटान की शाही सरकार द्वारा 4 नवंबर से 17 नवंबर तक किया जा रहा है। इस समारोह में पीएम मोदी की उपस्थिति दोनों देशों के गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन को दर्शाती है, जो सदियों पुराना है। इससे पहले, पीएम मोदी ने थिम्पू के ताशिचो द्ज़ोंग मठ में भी पूजा की, जिसका भूटान में गहरा धार्मिक महत्व है
4,000 करोड़ की ऋण सहायता और MoU पर हस्ताक्षर
दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने भूटान के साथ कई समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जो द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देंगे। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा यह रही कि भारत ने भूटान को ₹4,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान की है।
ये MoU मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित हैं। इसके अलावा, पीएम मोदी ने भूटान के नेतृत्व के साथ ऊर्जा, रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
भूटान के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य
भूटान, जिसे अक्सर 'खुशी का देश' कहा जाता है, अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाना जाता है:
-
कार्बन-नकारात्मक देश: भूटान दुनिया के उन तीन कार्बन-नकारात्मक देशों में से एक है। इसका मतलब है कि यह देश जितनी कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करता है, उससे कहीं ज्यादा अवशोषित करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में इसका योगदान असाधारण है।
-
राष्ट्रीय पशु 'ताकिन': भूटान का राष्ट्रीय पशु 'ताकिन' है, जो एक बकरी और मृग के बीच का एक असामान्य मिश्रण है। यह जीव भूटान का स्थानिक जीव (Endemic Species) है।
-
ट्रैफ़िक लाइट नहीं: जानकारी के मुताबिक, भूटान में कहीं पर भी ट्रैफिक लाइट नहीं है। यहाँ पहाड़ी इलाकों में मोड़ों वाली सड़कें होती हैं, जिसके कारण गाड़ियाँ स्वाभाविक रूप से धीमी गति से चलती हैं, और इसलिए ट्रैफिक लाइटों की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
पीएम मोदी का यह दौरा न केवल रणनीतिक सहयोग बल्कि इन दिलचस्प सांस्कृतिक पहलुओं को भी रेखांकित करता है जो दोनों देशों को करीब लाते हैं।