गुजरात की राजनीति में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। भूपेंद्र पटेल सरकार ने कैबिनेट विस्तार करते हुए कई नए चेहरों को मौका दिया, लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं युवा और ऊर्जावान नेता हर्ष रमेशभाई सांघवी ने, जिन्हें उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) पद की शपथ दिलाई गई। यह कदम न केवल राजनीतिक समीकरणों का संकेत देता है, बल्कि पार्टी के युवा नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में बड़ा संदेश भी है।
#WATCH | Gandhinagar | Harsh Sanghavi takes oath as Deputy Chief Minister of Gujarat pic.twitter.com/rJ5fYP4utC
— ANI (@ANI) October 17, 2025
नई कैबिनेट में बड़ा बदलाव
गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार के 16 मंत्रियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शुक्रवार को 26 नए कैबिनेट सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इनमें कई चर्चित नाम जैसे रिवाबा जडेजा, अर्जुन मोढवाड़िया, और कनुभाई देसाई शामिल हैं। वहीं पुराने 11 मंत्रियों में से केवल 6 को ही दोबारा जगह मिली है। इस फेरबदल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का खास ध्यान रखा गया है खासकर पाटीदार समुदाय से जुड़े 6 विधायकों को मंत्री बनाकर बीजेपी ने आगामी चुनावों के लिए मजबूत सामाजिक संदेश देने की कोशिश की है।
हर्ष सांघवी: सूरत से उपमुख्यमंत्री तक का सफर
सूरत जिले की माजुरा विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हर्ष सांघवी का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है। उन्होंने महज 27 साल की उम्र में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता, और उस समय वे गुजरात विधानसभा के सबसे युवा विधायक बने थे। राजनीति विज्ञान (Political Science) में मास्टर्स की डिग्री रखने वाले हर्ष का परिवार डायमंड व्यवसाय से जुड़ा है। उनके पिता रमेश भुरालाल सांघवी सूरत के प्रतिष्ठित व्यवसायियों में गिने जाते हैं। राजनीति में उनकी शुरुआत किशोरावस्था से हुई थी 15 साल की उम्र में वे बीजेपी युवा मोर्चा से जुड़े और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने लगे। संगठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और युवाओं के बीच बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें धीरे-धीरे पार्टी के प्रमुख चेहरों में शामिल कर दिया।
जनता के बीच लोकप्रिय और संवेदनशील नेता
हर्ष सांघवी का नाम केवल राजनीतिक निर्णयों के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है। अपने 28वें जन्मदिन पर उन्होंने ‘तेरापंथ भवन जॉब फेयर’ का आयोजन किया था, जिसमें हजारों युवाओं को रोजगार मिला। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने ‘माजुरा मित्र मंडल’ के माध्यम से जरूरतमंदों तक खाना, दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का अभियान चलाया। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में दिल के मरीजों की सर्जरी के लिए आर्थिक सहायता भी करते रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी उपस्थिति मजबूत है। फेसबुक और यूट्यूब चैनलों के जरिए वे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुंचाते हैं। ट्विटर (अब X) पर उनका कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है, लेकिन उनका फैन क्लब @FanHarshSanghvi काफी सक्रिय रहता है।
गुजरात में नए समीकरणों की शुरुआत
कैबिनेट विस्तार के साथ गुजरात में सत्ता समीकरणों का नया अध्याय शुरू हुआ है। जहां एक ओर अनुभवी नेताओं को सीमित किया गया है, वहीं दूसरी ओर युवा और ऊर्जावान चेहरों को प्रमुख भूमिकाएं दी गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हर्ष सांघवी को डिप्टी सीएम बनाना बीजेपी की “यंग लीडरशिप फोकस स्ट्रैटेजी” का हिस्सा है जो 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए दीर्घकालिक तैयारी की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
हर्ष सांघवी का डिप्टी सीएम बनना केवल राजनीतिक प्रमोशन नहीं, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि पार्टी अब युवाओं के भरोसे भविष्य की राजनीति देख रही है। सूरत के एक साधारण युवा कार्यकर्ता से उपमुख्यमंत्री बनने तक का सफर दर्शाता है कि अगर लगन, समर्पण और संगठन के प्रति निष्ठा हो, तो राजनीति में उम्र नहीं, कर्म और दृष्टिकोण ही पहचान बनाते हैं। गुजरात की नई कैबिनेट के साथ अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि यह नया नेतृत्व राज्य को विकास और सुशासन की दिशा में कितनी तेजी से आगे बढ़ा पाता है।