मुंबई, 14 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ 13 अक्टूबर की शाम से भारत-पाकिस्तान सीमा (एलओसी) के पास कुंबकडी के जंगलों में जारी थी। आतंकियों ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में दोनों आतंकी मारे गए। कुपवाड़ा ऑपरेशन से पहले 8 सितंबर को कुलगाम जिले के गुड्डर इलाके में भी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस ‘ऑपरेशन गुड्डर’ में सेना ने दो आतंकियों को ढेर किया था, जबकि दो जवान शहीद हो गए थे। मारे गए आतंकियों में एक की पहचान शोपियां निवासी आमिर अहमद डार के रूप में हुई थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सितंबर 2023 से सक्रिय था। आमिर उस लिस्ट में शामिल था जिसमें पहलगाम हमले के बाद 14 वांछित आतंकियों के नाम जारी किए गए थे। उधर जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बीएसएफ जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को जिंदा पकड़ा। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा निवासी सिराज खान के रूप में हुई है। उसे ऑक्ट्रोई चौकी पर बीएसएफ ने फायरिंग के बाद बॉर्डर फेंसिंग के पास गिरफ्तार किया। उसके पास से पाकिस्तानी मुद्रा भी बरामद की गई।
इस वर्ष जम्मू-कश्मीर में हुई मुठभेड़ों और फायरिंग की घटनाओं में अब तक सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं। 13 अगस्त को बारामूला के उरी सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर हुई गोलीबारी में एक भारतीय सैनिक शहीद हुआ था। 8 मई को पुंछ और तंगधार सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में लांस नायक दिनेश कुमार शहीद हुए। 12 अप्रैल को अखनूर के केरी बट्टल इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में 9 पंजाब रेजिमेंट के जूनियर कमीशंड ऑफिसर कुलदीप चंद ने वीरगति पाई। वहीं 28 मार्च को कठुआ जिले में हुए एनकाउंटर में दो आतंकी मारे गए, जबकि चार पुलिसकर्मी—तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह—शहीद हो गए थे। इस घटना में डीएसपी धीरज सिंह सहित तीन अन्य जवान घायल भी हुए थे।