मुंबई, 13 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर में एमबीबीएस छात्रा से हुए गैंगरेप मामले में पुलिस ने सोमवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में कुल पांच लोगों को पकड़ा जा चुका है। रविवार को तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि दो आरोपी फरार थे जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित छात्रा के पिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को असंवेदनशील बताया और कहा कि उनकी बेटी रात के समय बाहर नहीं गई थी। उन्होंने बताया कि यह घटना 10 अक्टूबर की रात करीब आठ से नौ बजे के बीच हुई थी, जबकि मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रा आधी रात को बाहर निकली थी। पीड़िता के पिता ने कहा कि ममता बनर्जी खुद एक महिला हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ऐसी टिप्पणी की जो पीड़ा पहुंचाने वाली है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को घटना पर कहा था कि यह बेहद चौंकाने वाली है, लेकिन निजी मेडिकल कॉलेजों को अपने छात्रों, खासकर छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि छात्रा रात 12:30 बजे बाहर कैसे निकली। ममता ने कहा था कि लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए और उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी, खासकर सुनसान इलाकों में सतर्क रहना जरूरी है। उन्होंने इस घटना की जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन पर डाली थी। मुख्यमंत्री के बयान के बाद बंगाल भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला। आलोचना बढ़ने के बाद ममता ने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
दुर्गापुर में 10 अक्टूबर की रात मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप की यह घटना तब हुई जब वह अपने एक पुरुष मित्र के साथ डिनर पर गई थी। छात्रा के मुताबिक, लौटते समय कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोका और उसका दोस्त वहां से भाग गया। इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ दरिंदगी की। पुलिस ने बताया कि पीड़िता ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली है और दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में सेकेंड ईयर की छात्रा है। घटना कॉलेज कैंपस के बाहर हुई और पीड़िता का इलाज फिलहाल पास के अस्पताल में चल रहा है। घटना के विरोध में राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा ने सोमवार से दुर्गापुर में छह दिनों के लिए धरना शुरू किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सिटी सेंटर इलाके में धरना दिया और आरोप लगाया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक टीएमसी कार्यकर्ता है। अधिकारी ने कहा कि ममता सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर असंवेदनशील रवैया अपना रही है।
वहीं, पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि उन्हें अपनी बेटी को ओडिशा ले जाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि वहां उसकी सुरक्षा बेहतर रहेगी। उन्होंने कहा कि बेटी चल नहीं पा रही है और बेडरेस्ट पर है, इसलिए उसे घर ले जाना चाहते हैं। पिता ने बताया कि सरकार और प्रशासन सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर डर है। छात्रा ने पुलिस को बताया कि जब तीन लोगों ने रास्ता रोका तो उसका दोस्त भाग गया। आरोपियों ने उसका फोन छीन लिया और उसे जंगल में ले जाकर रेप किया। उन्होंने धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो अंजाम भुगतना पड़ेगा, और बाद में फोन लौटाने के लिए पैसे भी मांगे। यह घटना पश्चिम बंगाल में 2024 के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की यादें ताजा कर गई है, जिसमें अगस्त 2024 में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या हुई थी। उस मामले में दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को जनवरी 2025 में उम्रकैद की सजा दी गई थी। उस समय राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे और दो महीने से अधिक समय तक मेडिकल सेवाएं प्रभावित रहीं।