दुबई में आयोजित प्रतिष्ठित एयर शो के दौरान हुए तेजस क्रैश में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल को रविवार को उनके पैतृक गांव पटियालकर (कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश) में अंतिम विदाई दी गई। पूरे सैन्य सम्मान के साथ वायुसेना की टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी। भारतीय वायुसेना ने अपने कर्तव्यनिष्ठ, साहसी और अत्यंत कुशल अधिकारी को नम आंखों से विदाई दी, जिसने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
पत्नी और एयर फोर्स ऑफिसर विंग कमांडर अफ़शां ने दी आखिरी सलामी
अंतिम संस्कार के दौरान सबसे भावुक पल वह था जब विंग कमांडर स्याल की पत्नी और स्वयं भारतीय वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर अफ़शां ने अपने पति को अंतिम सलामी दी। परिवार और ग्रामीणों से घिरी अफ़शां ने पूरा साहस दिखाते हुए अपने पति के पार्थिव शरीर के सामने सैल्यूट किया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि वह अपने आंसू रोकते हुए पूरे गर्व और सम्मान के साथ अपने शहीद पति को सलामी दे रही हैं। यह दृश्य न सिर्फ गांव के लोगों बल्कि पूरे देश को भावुक कर गया। कई लोग इस बात को साझा कर रहे हैं कि अफ़शां का अनुशासन और साहस भारतीय वायुसेना की उस भावना को दर्शाता है जिसमें कर्तव्य और सम्मान सर्वोपरि होते हैं।
IAF ने किया स्याल को याद—"कमिटमेंट और स्किल के प्रतीक थे"
भारतीय वायुसेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि विंग कमांडर नमांश स्याल एक डेडिकेटेड फाइटर पायलट, बेहद अनुशासित अधिकारी और अपने कर्तव्य के प्रति पूर्णतः समर्पित थे। IAF ने कहा कि उनके अदम्य साहस, तेजतर्रार स्किल और अथक सेवा भावना के कारण उन्हें सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों से बेहद सम्मान मिला। वायुसेना ने यह भी बताया कि दुबई में उनके पार्थिव शरीर को सम्मानित करने के दौरान UAE अधिकारियों, भारतीय दूतावास के अधिकारियों और एयर शो से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि विंग कमांडर स्याल न केवल भारत के, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सम्मानित अधिकारी थे।
IAF ने कहा,
"उनकी सेवा, हिम्मत और समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा। भारतीय वायुसेना इस कठिन समय में शहीद स्याल के परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।"
गांव में उमड़ा जनसैलाब, लोगों ने जताया शोक
विंग कमांडर स्याल के अंतिम संस्कार के दौरान पटियालकर और आसपास के गांवों से हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। पूरा इलाका "शहीद नमांश स्याल अमर रहें" जैसे नारों से गूंज उठा। ग्रामीणों ने कहा कि वे हमेशा गर्व से याद करेंगे कि उनके गांव का बेटा देश का नाम रोशन करते हुए शहीद हुआ। लोगों ने बताया कि स्याल हमेशा खुशमिजाज, मददगार और गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा थे। छोटे बच्चे भी भारतीय तिरंगा हाथ में लिए उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी जताया दुख
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, "भारत ने अपना एक बहादुर सुपुत्र बहुत जल्दी खो दिया है। विंग कमांडर स्याल की वीरता और समर्पण हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।" सरकार की ओर से भी परिवार को पूरी सहायता और सम्मान देने का आश्वासन दिया गया है।
अंतिम विदाई के साथ पूरा देश हुआ भावुक
दुबई एयर शो हादसे ने न सिर्फ भारतीय वायुसेना, बल्कि पूरे देश को गहरा दुख पहुंचाया है। तेजस भारतीय स्वदेशी फाइटर जेट प्रोग्राम की प्रतिष्ठा का प्रतीक है और उसमें उड़ान भरने वाले पायलट देश के सबसे कुशल फाइटर पायलट माने जाते हैं। विंग कमांडर नमांश स्याल का बलिदान इस बात का स्मरण कराता है कि हमारे वायुसेना अधिकारी हर पल जोखिम उठाकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उनका जाना देश की बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी सेवा, साहस और समर्पण की विरासत हमेशा जीवित रहेगी।