जापान, जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रति बेहद संवेदनशील देश है, आजकल एक भयानक भविष्यवाणी के चलते दहशत के साए में जी रहा है। एक जापानी बाबा और भविष्यवक्ता, जिन्हें 'जापानी बाबा वेंगा' के नाम से जाना जाता है, ने दावा किया है कि 5 जुलाई 2025 को जापान में एक महाभूकंप आएगा, जिसके बाद सुनामी भी उत्पन्न होगी। यह सुनामी साल 2011 में आए विनाशकारी सुनामी से तीन गुना ज्यादा शक्तिशाली हो सकती है। इस भविष्यवाणी ने न केवल आम जनता में भय फैला दिया है, बल्कि जापान की सरकार, मौसम विज्ञान विभाग और भूकंप वैज्ञानिकों के बीच भी हलचल मचा दी है।
बाबा वेंगा रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी
बाबा वेंगा के नाम से मशहूर जापानी भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी ने अपनी किताब "The Future I Saw" में लिखा है कि प्रशांत महासागर के तट के पास एक भयंकर भूकंप आएगा। इस भूकंप के कारण समुद्र के तल में विस्फोट या कोई बड़ा भू-स्खलन हो सकता है, जो भारी सुनामी की वजह बनेगा। तात्सुकी ने बताया कि उन्होंने सपनों में समुद्र में उबाल, बुलबुले और विशाल लहरों को देखा है, जो इस प्राकृतिक आपदा की चेतावनी है।
उनकी इस भविष्यवाणी का असर जापान में तेजी से फैल रहा है, लोग भयभीत हैं और सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से वायरल हो रही है।
जापान सरकार की प्रतिक्रिया
जापान की सरकार ने इस भविष्यवाणी को लेकर सावधानी बरती है, लेकिन इसे पूरी तरह सच मानने से बचती नजर आ रही है। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इस विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा कि:
"हमें जनता को अफवाहों में फंसने से बचाना होगा और वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। भूकंप और सुनामी का खतरा जापान में हमेशा बना रहता है क्योंकि हमारा देश चार टेक्टॉनिक प्लेटों के संगम पर स्थित है।"
सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसे संकट की स्थिति में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए, लेकिन अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।
वैज्ञानिकों का नजरिया
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) और भूकंप अनुसंधान समिति ने इस भविष्यवाणी को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि हालांकि हाल ही में टोकारा द्वीप के पास कुछ भूकंप आए हैं, जो किसी बड़े भूकंप की चेतावनी हो सकते हैं, लेकिन सुनामी की कोई वैज्ञानिक भविष्यवाणी अभी तक नहीं की गई है।
टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नाओया सेकिया ने स्पष्ट किया कि भविष्यवाणियां वैज्ञानिक विधि से बाहर हैं। उनका कहना है कि:
"हमें भविष्यवाणियों पर ध्यान देने की बजाय किसी भी समय किसी भी आपदा के लिए तैयार रहना चाहिए।"
इसके अलावा, मियागी प्रांत के गवर्नर योशीहिरो मुराई ने भी अफवाहों के प्रभाव को गंभीर मुद्दा बताते हुए सरकार से इसे रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की है।
सरकार की आपदा प्रबंधन तैयारी
जापान ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दुनिया में सबसे उन्नत आपदा प्रबंधन प्रणाली विकसित की है। इस महाभूकंप की संभावित भविष्यवाणी के मद्देनजर सरकार ने:
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समुद्री तटबंधों का निर्माण तेज कर दिया है।
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निकासी भवनों और सुरक्षित स्थलों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
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नगरपालिकाओं, कंपनियों और एनजीओ को मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है ताकि संभवित पीड़ितों की संख्या न्यूनतम हो।
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जनता को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
भविष्यवाणी का जापान पर प्रभाव
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के सर्वे के अनुसार, इस भविष्यवाणी ने जापान की जनता में भय का माहौल पैदा कर दिया है, जो आर्थिक क्षेत्र पर भी प्रभाव डाल रहा है। टूरिज्म सेक्टर में खासा नुकसान हुआ है:
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हांगकांग से जापान के लिए उड़ानों की बुकिंग में 83% की गिरावट आई है।
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होटलों की बुकिंग में लगभग 50% की कमी दर्ज हुई है।
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लोगों ने अपनी छुट्टियां कैंसिल करना शुरू कर दिया है, जिससे पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा है।
निष्कर्ष
जापान के लिए यह समय सावधानी और सतर्कता का है। जहां एक ओर वैज्ञानिकों और सरकार द्वारा अफवाहों को खारिज कर शांति बनाए रखने का आह्वान किया जा रहा है, वहीं जनता में फैली दहशत को समझना भी जरूरी है।
प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजग रहने की जापान की परंपरा विश्वभर में एक मिसाल है। इस भविष्यवाणी ने यदि सचमुच देश को तैयार रहने का मौका दिया है, तो यह समय पर किया गया सतर्कता कदम साबित होगा।
अंततः, इस स्थिति में वैज्ञानिक तथ्यों और आपदा प्रबंधन पर भरोसा ही सबसे बड़ी ताकत होगी, जो जापान को इस संभावित संकट से उबरने में मदद करेगी।
इस समय जापानी जनता और प्रशासन दोनों को संयम, समझदारी और सतर्कता के साथ इस चुनौती का सामना करना होगा, ताकि किसी भी आपदा का प्रभाव न्यूनतम किया जा सके।