एशेज सीरीज 2025-26 में इंग्लैंड की करारी हार ने इंग्लिश क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया है। पांच मैचों की सीरीज के शुरुआती तीन मुकाबले हारकर 3-0 से पिछड़ने के बाद, न केवल टीम के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि कोच ब्रेंडन मैक्कुलम की चर्चित 'बैजबॉल' रणनीति की भी तीखी आलोचना हो रही है। इस संकट की घड़ी में इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने एक ऐसा सुझाव दिया है जिसने क्रिकेट गलियारों में नई बहस छेड़ दी है।
मोंटी पनेसर का बड़ा सुझाव: रवि शास्त्री हों अगले कोच
मोंटी पनेसर ने सुझाव दिया है कि इंग्लैंड को अब ब्रेंडन मैक्कुलम के उत्तराधिकारी के तौर पर पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री की ओर देखना चाहिए। पनेसर का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को उनकी अपनी धरती पर हराने का जो गुर रवि शास्त्री के पास है, वह फिलहाल दुनिया में किसी और कोच के पास नहीं दिखता।
पनेसर ने तर्क दिया, "हमें यह सोचना होगा कि ऑस्ट्रेलिया की मानसिक, शारीरिक और सामरिक कमजोरियों का फायदा उठाना किसे आता है? रवि शास्त्री ने दिखाया है कि ऑस्ट्रेलिया में अधिक दबाव वाली सीरीज कैसे जीती जाती है। वे इंग्लैंड के लिए एक बेहतरीन हेड कोच साबित हो सकते हैं।"
क्यों रवि शास्त्री ही पहली पसंद?
शास्त्री के पक्ष में सबसे बड़ा तर्क उनका ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक ट्रैक रिकॉर्ड है। उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (2018-19 और 2020-21) जीतकर दुनिया को चौंका दिया था।
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रणनीतिक कौशल: शास्त्री के दौर में भारत ने ऑस्ट्रेलिया की 'स्लेजिंग' और उनके आक्रामक खेल का जवाब उन्हीं के अंदाज में दिया था।
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दबाव झेलने की क्षमता: एडिलेड में 36 रन पर ऑलआउट होने के बावजूद मेलबर्न और गाबा में जीत हासिल करना शास्त्री के 'मैन मैनेजमेंट' का बेहतरीन उदाहरण था।
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ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों की समझ: पनेसर का मानना है कि शास्त्री को पता है कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर विकेट कैसे निकाले जाते हैं और उनके गेंदबाजों को कैसे थकाया जाता है।
'बैजबॉल' का फीका पड़ता जादू
ब्रेंडन मैक्कुलम के नेतृत्व में इंग्लैंड ने जिस 'बैजबॉल' (निडर और आक्रामक बल्लेबाजी) की शुरुआत की थी, वह शुरुआती प्रशंसा के बाद अब संघर्ष करती दिख रही है। साल 2024 की शुरुआत से आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड ने जितने मैच (12) जीते हैं, उससे कहीं ज्यादा (13) हारे हैं। ऑस्ट्रेलिया की अनुशासित गेंदबाजी और सटीक रणनीति के सामने इंग्लिश बल्लेबाजों का अति-आक्रामक रवैया आत्मघाती साबित हुआ है।
मैक्कुलम का अनिश्चित भविष्य
एशेज गंवाने के बाद खुद मैक्कुलम अपने भविष्य को लेकर संशय में हैं। प्रेस से बात करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि टीम से गलतियां हुई हैं और वे उनसे सबक सीखने की कोशिश करेंगे। हालांकि, जब उनसे साल 2026 की गर्मियों तक पद पर बने रहने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "यह वास्तव में मेरे हाथ में नहीं है। मैं बस अपना काम कर रहा हूँ, यह सवाल किसी और (बोर्ड) से पूछा जाना चाहिए।"