मुंबई, 15 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) राइड-हेलिंग कंपनी उबर (Uber) ने भारत में अपने ड्राइवरों की सुरक्षा को मजबूत करने और यात्रियों के दुर्व्यवहार तथा झूठे आरोपों को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने चुपचाप अपने ऐप में इन-ऐप वीडियो रिकॉर्डिंग फीचर का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। यह नई सुविधा ड्राइवरों को यात्रा के दौरान वीडियो साक्ष्य रिकॉर्ड करने की अनुमति देती है, जो विवादों को निपटाने में सहायक हो सकती है।
10 प्रमुख शहरों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
यह नया वीडियो रिकॉर्डिंग फीचर भारत में उबर की सबसे बड़ी सुरक्षा-केंद्रित पहलों में से एक है। इसकी शुरुआत मई 2025 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी और अब यह देश के 10 प्रमुख शहरों में लाइव हो चुका है, जिनमें शामिल हैं:
- दिल्ली
- मुंबई
- बेंगलुरु
- चेन्नई
- पुणे
- हैदराबाद
- चंडीगढ़
- कोलकाता
- जयपुर
- लखनऊ
यह सुविधा डैशकैम (dashcam) के विकल्प के रूप में लाई गई है, जिसका उपयोग अधिकांश भारतीय ड्राइवर नहीं करते हैं।
ड्राइवरों के लिए सुरक्षा कवच
ड्राइवरों ने लंबे समय से यात्रियों के दुर्व्यवहार, अवांछित मार्गों पर जाने के लिए दबाव और झूठी शिकायतों की धमकियों के बारे में चिंता व्यक्त की है। ऐसी शिकायतें अक्सर जुर्माना या अकाउंट सस्पेंशन का कारण बनती हैं, जिससे ड्राइवरों की आजीविका प्रभावित होती है।
- साक्ष्य का महत्व: ड्राइवरों का मानना है कि वीडियो रिकॉर्डिंग टूल विवाद की स्थिति में निर्णायक साक्ष्य प्रदान करेगा, जिससे वे निराधार आरोपों से खुद को बचा सकेंगे।
- शिकायतों में कमी: उबर का लक्ष्य है कि रिकॉर्डिंग की जानकारी ही यात्रियों और ड्राइवरों दोनों के बीच गलत व्यवहार को हतोत्साहित करे।
प्राइवेसी सुरक्षा और कार्यप्रणाली
उबर ने स्पष्ट किया है कि इस फीचर को सख्त प्राइवेसी सुरक्षा उपायों के साथ डिज़ाइन किया गया है:
- नोटिफिकेशन: जब ड्राइवर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू करते हैं, तो राइडर्स को तुरंत ऐप में सूचना प्राप्त होती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
- एन्क्रिप्शन और स्टोरेज: सभी रिकॉर्डिंग डबल-एन्क्रिप्टेड होती हैं और केवल ड्राइवर के डिवाइस पर स्थानीय रूप से संग्रहीत होती हैं।
- एक्सेस: उबर या कोई अन्य पक्ष इन रिकॉर्डिंग को तब तक एक्सेस नहीं कर सकता जब तक कि ड्राइवर सुरक्षा रिपोर्ट के हिस्से के रूप
- में उन्हें साझा करने का विकल्प नहीं चुनता।
- ऑटो-डिलीट: यदि रिकॉर्डिंग को 7 दिनों के भीतर साझा नहीं किया जाता है, तो वह डिवाइस से स्वचालित रूप से हटा दी जाती है।
यह नया वीडियो फीचर 2023 में भारत में पेश किए गए इन-ऐप ऑडियो रिकॉर्डिंग विकल्प पर आधारित है, और यह पहले से ही अमेरिका (परीक्षण 2022 में शुरू), कनाडा और ब्राजील जैसे बाजारों में उपलब्ध है।
आगे की राह और चुनौतियाँ
फिलहाल, उबर ने देशव्यापी रोलआउट के लिए कोई समयसीमा साझा नहीं की है। आने वाले महीनों में पायलट प्रोजेक्ट का प्रदर्शन यह तय करेगा कि क्या यह सुविधा पूरे भारत या अन्य क्षेत्रों में विस्तार करेगी।
हालांकि यह फीचर ड्राइवर सुरक्षा को बढ़ाता है, लेकिन उबर को राइडर प्राइवेसी और इस चिंता के बीच संतुलन बनाना होगा कि यात्री रिकॉर्डिंग से असहज होकर अन्य प्लेटफार्मों पर न चले जाएं। कंपनी के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत करने पर, प्लेटफॉर्म विवादों में ड्राइवरों का कितना समर्थन करता है।